पी.ए. संगमा जी ने क्या खूब उठाया आदिवासी राष्ट्रपति का मुद्दा,
उम्मीदवारी-ए-राष्ट्रपति जताने बिसर गए पद की गरिमा का मुखड़ा |
मुलायम ने भी कह दिया कि मुसलमान को राष्ट्रपति बनाओ,
और बिना रिश्वत के हमारा समर्थन मुफ्त में ले जाओ |
मुलायम की तो यही चाह है कि मिल सकें वोट उन क्षुद्र जीवों के,
जो तुक्ष्य मानें योग्यता को और दें वोट धर्म और सम्प्रदाय को |
बीजेपी - कांग्रेस ने साध रखी है चुप्पी अभी अपनी इच्छा से,
पर नहीं हैं निर्मल वे भी इस गन्दी और ओछी मानसिकता से |
देश की प्रबुद्ध जनता कह रही है यह बात चीख - चीख कर,
हमको चाहिए अपने देश के लिए एक योग्य राष्ट्रपति,
न कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे आदि का धर्माधिपति ||
- देवांशु द्विवेदी